April 24, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। मप्र उच्च न्यायालय, खंडपीठ इंदौर की युगल पीठ ने कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दिलीप कौशल द्वारा प्रस्तुत याचिका में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग, शासन, जिला निर्वाचन अधिकारी सहित सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को आदेश दिये कि मार्च 2021 में प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची पर चुनाव न हों। याचिकाकर्ता दिलीप कौशल द्वारा प्रस्तुत करीब 1 लाख 25 हज़ार फ़र्ज़ी मतदाताओं के संबंध में प्रस्तुत दावा आपत्ति दिनांक 15 फरवरी नगर निगम चुनाव की घोषणा के पूर्व निराकृत की जाए।
न्यायालय द्वारा यह भी निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा अपनी पुरानी दावा आपत्ति दिनांक 15 फरवरी के अतिरिक्त अन्य आपत्ति भी मतदाता सूची में फर्जी नाम होनें के संबंध में ली जाती है, तो उन्हें भी चुनाव अधिकारी द्वारा हटाया जाए।
निगम चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा मार्च 2021 में अंतिम की गई मतदाता सूची में 1.25 फर्जी मतदाता होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने आपत्ति पेश की थी जिसे दरकिनार कर मतदाता सूची अंतिम कर दी गई थी ।
मतदाता सूची की निष्पक्ष जांच एवं भौतिक सत्यापन की मांग लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधो, जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल, विनय बाकलीवाल, राजेश चौकसे, सुरजीत चड्डा, दिलीप कौशल, रवि गुरनानी,श्रीमती शशि यादव सहित अनेको नेता संभागायुक्त से मिले थे। जिस पर संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने जांच आदेशित कर प्रतिवेदन कलेक्टर जिला इंदौर से चाहा था। प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से भोपाल में मुलाकात कर ज्ञापन दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल द्वारा की गई, शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव द्वारा पक्ष रखा गया।