April 19, 2024

– शिप्रा शुद्धिकरण की पूरी योजना मुख्यमंत्री खुद भोपाल में साधु-संतों को बताएंगे   

– जल संसाधन मंत्री व उज्जैन के जनप्रतिनिधियों के आश्वासन पर माने संत 

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। उज्जैन में शिप्रा शुद्धिकरण के लिए दत्त अखाड़ा घाट पर चल रहा साधु-संतों का धरना फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर आशीष सिंह खुद संतों से मिलने धरना स्थल पर पहुंचे।

कलेक्टर ने शिप्रा शुद्धिकरण की पूरी योजना की जानकारी साधु-संतों को विस्तार से दी। लेकिन संत समाज इसके बावजूद भी मानने को तैयार नहीं थे। तब जाकर जनप्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर ने चर्चा की व मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संतों की मुलाकात व बैठक की बात कहीं। मुख्यमंत्री से भोपाल में संतों की बैठक तय होने के बाद साधु-संतों ने धरना स्थगित करने की घोषणा की। इस दौरान दत्त अखाड़े के गादीपति पीर सुंदरपुरी महाराज, महंत डॉ. रामेश्वरदास, महंत भगवानदास महाराज प्रमुख रूप से मौजूद थे।

खान के गंदे पानी को रोकेने के लिए पक्का बांध बना रहे 

शिप्रा के लिए धरना दे रहे साधु-संतों को उज्जैन शहर के जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इंदौर की खान नदी का गंदा पानी सीधे शिप्रा में मिलता है इससे शिप्रा मैली होती है। इसे रोकने के लिए त्रिवेणी के पहले ही एक पक्का बांध बनाने की योजना बना ली गई है।

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने साधु-संतों से की फोन पर बात

मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भी षड्दर्शन संत मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत डॉ. रामेश्वरदास महाराज से फोन पर बात कर उन्हें आश्वस्त किया है कि राज्य शासन शिप्रा नदी के जल को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने के प्रति गंभीर है तथा पूरी योजना पर काम चल रहा है।

इन साधु-संतों ने आपस में चर्चा कर धरना स्थगित करने का निर्णय लिया

षड्दर्शन संत मंडल के प्रमुख सदस्य व 13 अखाड़ों के महंतों सहित महामंडलेश्वर स्वामी नारदानंद महाराज सिद्धआश्रम, महंत मुनिशरणदास रामानंद आश्रम, रामानुजकोट के पीठाधीश्वर रंगनाथाचार्य महाराज, प्रमुख रूप से धरने में शामिल हुए। जिन्होंने सभी संतजनों के साथ संयुक्त रूप से चर्चा कर ही निर्णय लिया कि शिप्रा शुद्धिकरण के लिए एक बार मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर लेते हैं।

31 दिसंबर तक काम शुरू नहीं होता है तो संत फिर आंदोलन शुरू कर देंगे

धरना स्थल पर संतों ने यह भी कहा कि उन्होंने राज्य शासन के प्रतिनिधियों से चर्चा कर धरना स्थगित करने के साथ यह भी कहा है कि शिप्रा शुद्धिकरण के लिए जो भी कार्य है वह 31 दिसंबर तक शुरू होना चाहिए।