April 25, 2024

पुलिस तक जाने से बचती हैं महिलाएं इसीलिए मजनुओं के हौसले बुलंद

ब्रह्मास्त्र इंदौर। इंदौर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से अब लोगों में पुलिस की तरफ विश्वास और बढ़ने लगा है और नागरिक अब महसूस करने लगे हैं कि आने वाले दिनों में पुलिस अपराधियों पर और मजबूती से ठोस कार्रवाई करेगी। लोग अब खुलकर अपने मन की पीड़ा भी बताने लगे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि अब मजबूत कार्रवाई होगी। ऐसा ही एक मामला इंदौर शहर का आया, जहां पीड़ित ने जानकारी दी कि बंगाली चौराहा पर छात्राओं एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। महिलाएं जब अपने बच्चों को स्कूल बस से छोड़ने एवं लेने बंगाली चौराह पर आती हैं तो कुछ आवारा तत्व प्रतिदिन अश्लील फब्तियां कसते हुए महिलाओं को छेड़ते हैं। एक नागरिक ने बताया कि उनके घर की महिलाएं अश्लील कमेंट व फब्तियों से इतनी परेशान हो गई कि उन्हें बंगाली चौराहा से स्कूल बस से उतरने वाले अपने बच्चे को लाने ले जाने के लिए 1 कर्मचारी रखना पड़ा। नागरिकों ने मांग की है कि छात्राओं एवं महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने के लिए इंदौर पुलिस द्वारा लोकल स्तर पर टेलीफोन नंबर जारी करना चाहिए, जिस पर छात्राएं एवं महिलाएं छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों की गाड़ी का नंबर एवं अन्य जानकारियां दे सकें एवं महिलाओं का नाम गुप्त रखा जाए। इसके अलावा महिला पुलिस भी सादी वर्दी में छेड़छाड़ वाले इलाकों में प्रतिदिन तैनात रहे। मनचलों को मौके पर ही सबक सिखाएं एवं इसके अलावा अगर कोई महिला प्रतिदिन छेड़छाड़ की शिकार हो रही है तो वह सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी से संपर्क कर सके एवं उसे बुलाकर छेड़छाड़ करने वाले आरोपी की मौके पर ही जानकारी दे सके। लोगों का सुझाव है कि सभी स्कूल बसों पर बाहर की तरफ लोकल इंदौर पुलिस हेल्पलाइन नंबर बड़े बड़े अक्षरों में लिखवा दिए जाएं, जिससे कि स्कूल के विद्यार्थी, शिक्षक -शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थियों के माता-पिता व जनता भी स्कूल बस पर लिखे हुए पुलिस हेल्पलाइन नंबर को पढ़ सकें। शहर के प्रमुख चौराहों पर भी पुलिस हेल्पलाइन नंबर लिखा दिए जाएं। आमतौर पर महिलाएं थाने तथा पुलिस तक पहुंचने से बचती हैं, इसलिए शिकायत नहीं हो पाती।