April 24, 2024

– मंगलबुधशुक्रसूर्य का होगा राशि परिवर्तन

– राहु– केतु भी नक्षत्र  चरण परिवर्तन कर रहे

दैनिक अवंतिका उज्जैन। नवग्रह में खास सूर्य, मंगल, बुध, शुक्र इन चार ग्रहों का राशि परिवर्तन आगामी 10 दिनों में होगा। इन 4 ग्रहों के राशि परिवर्तन से मौसम बदलेगा तो महंगाई पर भी इनका असर होगा। सभी ग्रहों के अलग-अलग दृष्टि संबंधों से अलग-अलग प्रकार के प्रभाव दिखाई देंगे।

जाने कबकब कौन से ग्रह का राशि परिवर्तन

मंगल का तुला राशि को छोड़कर वृश्चिक राशि में परिवर्तन 4 दिसंबर की रात्रि में हो गया है। इस दृष्टि से मंगल वृश्चिक राशि पर 16 जनवरी तक विद्यमान रहेगा। मंगल की चौथी दृष्टि बृहस्पति पर सातवीं दृष्टि राहु पर रहेगी। हालांकि मंगल- राहु का समसप्तक प्रतियोग बन रहा है किंतु केंद्राधिपति होने के कारण मंगल का प्रभाव विशेष रहेगा। इस दृष्टि से शासन तंत्र के द्वारा आम जनता कहीं-कहीं प्रभावित सा अनुभव करेगी। रियल स्टेट में भी सुधार होगा। पुलिस प्रशासन में भी तकनीकी तौर पर सुधार के साथ-साथ क्रिया विधि में अंतर दिखाई देगा।

राहु कृतिका  केतु अनुराधा के पहले चरण में प्रवेश 7 दिसंबर को हुआ। राहु-केतु के नक्षत्र व चरण के परिवर्तन से वातावरण में अंतर दिखाई देगा। यहां पर संक्रमण से संबंधित स्थिति पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता अनुभव होगी। क्योंकि राहु का मंगल के नक्षत्र में परिवर्तन पुराने रोग को नए रूप में उपस्थित करने का अनुक्रम बनाता है। साथ ही संक्रमण के संबंध में केतु का अनुराधा नक्षत्र यह भी मंगल के नक्षत्र के कक्षा के क्रम में आता है। इस दृष्टि से संबंधित समस्या का विस्तार ना हो अर्थात संक्रमण की स्थिति ना बढ़े उसके लिए जनता को विशेष सावधानियों को रखने की आवश्यकता है।

शुक्र के मकर में प्रवेश से बनेगी शनि शुक्र की युति 8 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश होगा। शुक्र का मकर राशि में शनि के साथ युति बनाने का एक अलग ही प्रभाव दिखाई देगा। क्योंकि शुक्र शनि मित्र होते हैं और मकर राशि शुक्र के सम राशि के अंतर्गत मानी जाती है। अर्थात इस राशि पर शनि का शुक्र को सहयोग प्राप्त होता है या यह भी कहा जा सकता है कि शुक्र को शनि का कारकत्व का लाभ मिलता है इस दृष्टि से धान्य आदि पदार्थ में वृद्धि होगी भाव बढ़ेंगे।

बुध का धनु राशि में प्रवेश धनु राशि के अधिपति बृहस्पति हैं। इस राशि में बुध का प्रवेश व्यापक दृष्टिकोण से लाभकारी होता है। क्योंकि व्यापार जगत में व्यवसाय की दलाली का क्षेत्र भी बुध के पास में है। बुध ग्रह जब राशि परिवर्तन करता है और जिस राशि में प्रवेश करता है उसका अधिपति जिस राशि में परिभ्रमण कर रहा हो उसके अधिपति की प्रकृति के अनुसार व्यवहार करता है। जैसे बुध धनु राशि में है व धनु राशि का अधिपति गुरु कुंभ राशि में है व कुंभ राशि का स्वामी शनि है। इस दृष्टि से व्यापार व्यवस्था की स्थिति बनती है। इस दृष्टि से व्यापार व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी।

सूर्य का धनु में प्रवेश मलमास आरंभ 15 दिसंबर को सूर्य का वृश्चिक राशि को छोड़ धनु राशि में प्रवेश होगा। यह प्रवेश काल 15 दिसंबर को रात्रि में होगा। साथ ही सूर्य बुध की धनु राशि में युति बनेगी। धर्म शास्त्र में कहा गया है कि मार्गशीर्ष के मास में सूर्य की धनु संक्रांति नहीं होना चाहिए क्योंकि यदि संक्रांति होती है तो अलग-अलग प्रकार की व्याधियों तथा प्राकृतिक घटनाएं घटने लगती है जिसके कारण सांसारिक जीवन में अस्थिरता बढ़ जाती है फिर भी इस पक्ष में यह श्रेष्ठ है कि चतुर्दशी तिथि वृद्धि शुक्ल पक्ष में होने से नकारात्मक घटना में कमी आती है।