April 19, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। डेंगू और इसी तरह की अन्य बीमारियों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि प्लेटलेट्स के लिए ब्लड की कमी पड़ने लगी है। खून की इसी कमी को पूरा करने के लिए अब ब्लड डोनेट कैंप की संख्या बढ़ाना मजबूरी हो गया है। एमवाय में अब हर 2 दिन में ब्लड डोनेट कैंप लगाए जाएंगे। अभी तक ब्लड बैंक इंदौर जिले में हर हफ्ते या पंद्रह दिनों में ब्लड डोनेट केम्प लगाता रहा है ।
ब्लड बैंक के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने बताया कि प्लेटलेट बनाने के लिए रक्तदान दाता का रक्त यानी ब्लड का इस्तेमाल 2 घण्टे में होना जरूरी है, यानी प्लेटलेट बनाने वाली लैब तक ब्लड हर हालत में पहुँचना चाहिए।
इसलिए अब रक्तदान शिविर की रणनीति में बदलाव किये जा रहे हैं। अब लम्बी लम्बी दूरी पर बड़े केम्प लगाने की बजाय कम दूरी वाली जगहों पर छोटे छोटे कैम्प लगा कर रक्तदान वाले रक्त को तुरन्त लेब में प्लेटलेट बनाने वाली मशीनों तक पहुंचाया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रकाश पर्व पर राज मोहल्ला स्थित खालसा कॉलेज से कर दी गयी है। वहां लगभग 100 रक्त दान दाताओ ने 100 यूनिट रक्त दान किया।

डेंगू मरीजों के अलावा भी जरूरत

डॉ. यादव के अनुसार प्लेटेलट्स की जरूरत सिर्फ डेंगू मरीजों को ही नही बल्कि इसके अलावा अन्य बीमारी में भी लगती है। किमियोथैरेपी के वक्त कैंसर मरीजो को हर दिन प्लेट्लेट्स चढ़ाना पड़ते हैं ।इसके अलावा बोनमेरो ट्रांसप्लाट बोन मैरो डेप्रेसन सहित कई बीमारियों में जरूरत होती है। पिछले कई महीने से जिले के व बाहर के कई अस्पतालों को प्लेट्लेट्स की जरूरत पड़ रही है।