April 23, 2024
उज्जैन। इंडियन ऑयल कारपोरेशन बॉटलिंग प्लांट में हुए हादसे के 12 घंटे बाद तड़के 4:00 बजे दोनों कर्मचारियों के शव बाहर निकाल लिए गए। सफाई करते समय दोनों हादसे का शिकार हुए थे। गुरुवार दोपहर 3:30 बजे से रेस्क्यू शुरू किया गया था।
उज्जैन की घटिया तहसील में बने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में गुरुवार दोपहर सफाई करने के लिए पहुंचे लाखन सिंह पिता भेरुलाल ग्राम लंबीखेड़ी और राजेंद्र पितााा शेर सिंह निवासी ग्राम जलवा गैस से भरे कैप्सूल टैंक में गिर गए थे। 3:30 बजे हुए हादसे के आधे घंटेे बाद प्रशासनिक अमलेे में शामिल एसडीएम गोविंद दुबे और संतोष टैगोर मौके पर पहुंचे थे। दोनों कर्मचारियों को निकालनेे के रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी। करीब 6 घंटे तक स्थानीय स्तर पर ही मशक्कत की जाती रही, उसके बाद नागदा ग्रेसिम की टीम को बुलाया गया। टैंक में जेब भरी होने काफी परेशानी आ रही थी। देर रात भोपाल से एनडीआरएफ और गुना स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन की टीम को बुलाया। रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तड़के 4:00 बजे के लगभग दोनों के शव बाहर निकाल लिए गए। जहां से पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। सुबह जल्दी डॉक्टरों की टीम बुलाकर दोनों के पोस्टमार्टम कराए गए और शव परिजनो को सौंप दिए गए।
परिजनों ने किया था चक्काजाम
एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में हुई घटना के बाद दोनों कर्मचारियों के परिजन और गांव वाले पहुंचे थे। उन्हें प्लांट के किसी भी अधिकारी द्वारा घंटो तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिसके चलते परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा था और उन्होंने आगर रोड पर चक्का जाम कर दिया था। घटिया थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान और प्रशासनिक अमले की टीम ने परिजनों को समझा कर कुछ देर में जाम खुलवाया। उसके बाद रात भर परिजन प्लांट के बाहर ही डटे रहे।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में हुए हादसे के बाद देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताते हुए अन्य कर्मचारियों के सुरक्षित होने की कामना की थी।