April 19, 2024

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब भी 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्हें शिक्षा का बुनियादी ज्ञान नहीं है। इनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है। ऐसे लोगों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए शिवराज सरकार नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम चलाएगी। इसके लिए 5 साल में 32 लाख लोगों को शामिल करने का रोडमैप तैयार किया गया है। मंगलवार 24 अगस्त को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया जएगा। यदि मंजूरी मिलती है तो यह कार्यक्रम जल्द शुरू करने की तैयारी है। मंत्रालय सूत्रों ने बताया, मध्यप्रदेश में अगले 5 साल में ऐसे 32 लाख 60 से ज्यादा व्यक्तियों को औपचारिक शिक्षा देकर साक्षर बनाया जाएगा, जिनकी आयु 15 साल से अधिक हो चुकी है। इसके लिए शिवराज सरकार नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित करेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक मार्च 2018 तक साक्षर भारत योजना में 49 लाख 63 हजार से ज्यादा लोगों को साक्षर किया जा चुका है। अब 5 साल में 32 लाख लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य है। बाकी असाक्षरों को नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक साक्षर किया जाएगा। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में अक्षर साथी साक्षरता कक्षाएं संचालित करके बुनियादी और कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करने का काम करेंगे। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 की जनगणना में प्रदेश में असाक्षरों को संख्या 1 करोड़ 74 लाख बताई गई है। केंद्र सरकार इनके लिए साक्षरता कार्यक्रम चलाने की योजना की स्वीकृति दे चुकी है। इसके लिए वर्ष 2021-22 के लिए सात करोड़ 41 लाख रुपए भी स्वीकृत कर दिए हैं। कार्यक्रम के संचालन के लिए पोर्टल होगा। जिसमें बुनियादी साक्षरता परीक्षा सहित कार्यक्रम से जुड़ी अन्य सभी जानकारियां रहेंगी। इसके संचालन के लिए 322 डाटा एंट्री आॅपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाएंगे।