March 29, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर/ भोपाल। राजधानी में नौकरी मांगने गए बेरोजगार युवकों पर कल पुलिस ने जिस ढंग से बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई है, उन्हें पकड़- पकड़ कर खींचा है, उसे लेकर प्रदेश भर में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। इन बेरोजगार युवकों का आखिर अपराध क्या था ? सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था, तो वे नौकरी मांगने गए थे। इस मामले में विपक्ष तो आक्रामक हुआ ही है, इसके अलावा सत्ता पक्ष और संघ से जुड़े भी कुछ लोग अंदर खाने में आहत हैं। उनका भी मानना है कि बेरोजगार युवकों पर पुलिस की इतनी सख्ती नहीं होनी चाहिए थी। मामला सार्वजनिक था। मीडिया के कैमरे चालू थे। मालूम था कि यह मामला पूरे प्रदेश में गर्मा सकता है। बेरोजगार युवक यदि नारेबाजी कर रहे थे तो उन पर लाठियां बरसाने की क्या जरूरत थी? कुछ दृश्य तो ऐसे हैं जिसमें पुलिस की बेरहमी साफ दिखाई दे रही है। संघ और सत्तापक्ष के कई नेता भी इस लाठीचार्ज से नाखुश हैं। मुश्किल सिर्फ यही है कि वह इस मामले में अपनी जुबान फिलहाल नहीं खोल सकते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि नाखुशी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक जरूर पहुंचेगी।
गौरतलब है कि रोजगार की मांग कर रहे युवाओं पर बुधवार को शौर्य स्मारक के पास पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज घटना की कांग्रेस में निंदा की है। भोपाल में आज बेरोजगार युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। बंद पड़ी सरकारी भर्ती को लेकर ज़िलों से प्रदर्शन करने बेरोजगार युवा राजधानी पहुंचे थे। पुलिस ने इन युवाओं को दौड़ा- दौड़ाकर पीटा, फिर गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया।
कांग्रेस ने लाठीचार्ज की घटना पर कहा कि रोज़गार व भर्ती की माँग को लेकर भोपाल में प्रदर्शन कर रहे, प्रदेश भर के युवाओं पर पुलिस का बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज…? रोज़गार माँग रहे युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, बेहद निंदनीय व शर्मनाक ? एक लाख रोज़गार प्रति वर्ष का वर्षों से दावा करने वाली शिवराज सरकार की यह है हक़ीक़त ?

मप्र में जनरल डायर की सरकार

उधर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि
बेरोजगार नौजवानों पर बर्बर पुलिसिया लाठियां साबित कर रही हैं कि मप्र में जनरल डायर की सरकार है। शिवराज जी, आप 3 माह में एक लाख नौकरियां तो नहीं, लाठियां, वाटरकेनन, आंसूगैस जरूर मुहैय्या करवा रहे हैं। आप सभी को बेहतर “जनआशीर्वाद” मिलेगा…आमीन।