April 25, 2024

तबादलों में तोहमत के कलंक से बचना
भोपाल। कमलनाथ सरकार के वक्त भाजपा ने तबादला उद्योग के जमकर आरोप लगाते हुए घेरा था। कई ऐसी चूक के उदाहरण दिए थे, जिससे कांग्रेस सरकार कठघरे में आ गई थी। एक जुलाई से शिवराज सरकार ने तबादले खोल दिए हैं , लेकिन कहीं ऐसा आरोप उनकी सरकार पर भी न लग जाए , इसके लिए सावधानी बरती जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल मंत्रियों को डिनर पर बुलाया और ताकीद किया कि तबादले पर तोहमत मत लगने देना। ऐसे कलंक से बचें। तबादले से संबंधित किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करने के पहले नियम और परिस्थितियों का पूरा ध्यान रखें।
गौरतलब है कि कैबिनेट मीटिंग के बाद ऊर्जा विभाग के प्रेजेंटेशन के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और यशोधरा राजे सिंधिया के बीच हुई बहस लीक हो गई थी। मुख्यमंत्री समझ गए कि भेदिया घर में ही है। कुछ मंत्रियों को बात हजम नहीं होती और वह जब तक 5-10 लोगों को पूरे किस्से सुना न दें, उनके पेट में दर्द होता रहता है। शिवराज ने तत्काल सभी मंत्रियों को डिनर के बहाने अपने घर बुलाया। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि डिनर के दौरान बातों ही बातों में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को ताकीद कर दिया। उन्हें स्पष्ट रूप से समझाया कि तबादले पर कोई आरोप न लगे। जब तक जरूरी न हो तबादले नहीं करें। अधिकारी, कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता बरतें। प्रक्रिया गाइडलाइन के अनुरूप अपनाएं। तबादलों में गड़बड़ी करने वालों पर भी पैनी नजर रखें। मुख्यमंत्री का इशारा मंत्रियों के स्टाफ की तरफ था। सीएम इससे पहले भी कह चुके हैं कि मंत्रियों को अपने स्टाफ से सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी मंत्री महीने में कम से कम दो बार अपने क्षेत्र का दौरा करें।
छोटी सी चूक भी भारी पड़ सकती है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को यह भी समझाया कि ट्रांसफर के मामले में अपने क्षेत्राधिकार में रहें । किसी भी ऐसी नोटशीट पर हस्ताक्षर न करें जो विवादित हो सकती है।