April 26, 2024

न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर ही नहीं, पैरालिसिस पेशेंट को बगैर इलाज रात भर यूं ही पटक रखा

रात में जो सामान्य मरीज था, उसे सुबह तक गंभीर कर दिया

उज्जैन। कहने को जाना माना हॉस्पिटल संजीवनी। दशहरा मैदान क्षेत्र में स्थित इस हॉस्पिटल में आमतौर पर उन मरीजों को भी ले जाया जाता है जो गंभीर स्थिति में होते हैं, लेकिन बीती रात हुए घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि संजीवनी हॉस्पिटल नाम के अनुरूप संजीवनी नहीं है। यहां घोर लापरवाही है और सीधे-सीधे आम रोगी के जीवन से खेल रहे हैं। दरअसल, शनिवार की शाम पैरालिसिस अटैक के एक मरीज को संजीवनी हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। इस तरह के पेशेंट को जाहिर तौर पर तुरंत उपचार की जरूरत होती है। दुर्भाग्यजनक है कि इतने बड़े हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं है। पूरी रात निकल गई लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं होने से पेशेंट का इलाज ही शुरू नहीं हो सका और रात भर यूं ही पटक रखा। इसका परिणाम यह हुआ कि राइट साइड में आया पैरालिसिस अटैक लेफ्ट साइड में भी फैल गया। एक सामान्य पैरालिसिस अटैक के मरीज को इलाज के अभाव में गंभीर कर दिया गया।

पेशेंट के पिता सुबह 6 बजे पहुंचे तब भी उन्हें नहीं बताया

पेशेंट के पिता रविवार सुबह 6 बजे जब हॉस्पिटल पहुंचे, तब भी उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई कि दूसरी साइड भी इफेक्ट हो गई है और लेफ्ट साइड ने भी काम करना बंद कर दिया है। यह जानकारी सुबह 10 बजे दी गई। तब तक भी न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का कोई अता पता नहीं था। इतने बड़े हॉस्पिटल में इतनी घोर लापरवाही ? नाम बड़े और दर्शन छोटे। मरीज की जान पर बन आई है और संजीवनी एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। क्या उज्जैन जैसे शहर में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर ही नहीं है। सवाल यह भी है कि क्या उज्जैन को मेडिकल सुविधाओं में हमेशा इंदौर की ओर ही मुंह ताकना पड़ेगा। उज्जैन में इतनी सुविधा भी नहीं ? क्या इतने बड़े उज्जैन में न्यूरोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं और जो हैं वे लापरवाही कर रहे हैं?
उज्जैन में इस घोर लापरवाही को देखते हुए पेशेंट को इंदौर ले जाया गया।