March 30, 2024

दफ्तर बंद, कैसे कराएं रजिस्ट्री…?
क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का निर्णय अधर में, पंजीयन विभाग को आदेश ही नहीं मिला

उज्जैन। कोरोनाकाल में अचल सम्पत्तियों की रजिस्ट्री शुरू कराने के लिए रविवार की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी ने फैसला तो कर लिया लेकिन विधिवत आदेश पंजीयन विभाग को मिल ही नहीं सका। इस कारण दफ्तरों पर ताले लगे रहे। ऐसे में लोग सवाल पूछ रहे हैं कि रजिस्ट्री कराएं तो कैसे?
कमेटी की बैठक में ही पिछली बार तय किया गया था कि जो सरकारी दफ्तर कोरोना सेवा से सम्बद्ध नहीं हैं, उन्हें खोला न जाए। इस कारण पंजीयन विभाग सहित नगर तथा ग्राम निवेश जैसे विभागों के ऑफिस बंद कर दिए गए हैं। इस कारण सरकार की तिजोरी भरना भी बंद हो गई है। स्टाम्प शुल्क के माध्यम से हर माह करोड़ों रुपये की आय होती है। आय थमी तो पंजीयन विभाग ने सरकार तक यह बात पहुंचाई। विभाग के आला अफसर भी सभी वरिष्ठ पंजीयकों से रजिस्ट्री शुरू करने पर दबाव बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पंजीयन महानिरीक्षक की ओर से कुछ दिन पहले वरिष्ठ पंजीयक मंजुलता पटेल के पास भी विभाग का संदेश आया था कि रजिस्ट्री क्यों बंद है। प्रशासन के आदेश का हवाला देकर बताया गया था कि अभी रजिस्ट्री का काम बन्द है। रविवार को बृहस्पति भवन में बैठक हुई जिसमें पंजीयक कार्यालय वापस शुरू करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन प्रशासन ने विधिवत कोई आदेश जारी नहीं किया। इस कारण अनिर्णय में उलझे विभाग ने सोमवार दोपहर 12 बजे तक ऑफिस नहीं खोला।

तो, टेक्नोलॉजी का क्या उपयोग
रजिस्ट्री कार्यालय खोले जाने का निर्णय पूरे जिले में रविवार को ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को पता चल गया लेकिन प्रशासन के अधिकारियों के पास तमाम टेक्नोलॉजी होने के बाद भी एक आदेश विभाग के अफसरों तक भेजा नहीं जा सका। नतीजा ये कि सोमवार से रजिस्ट्री का काम ही शुरू नहीं हो सका, जबकि लोग रजिस्ट्री के लिए इंतजार कर रहे हैं।

मार्च से मई में कितना आता पैसा
मार्च से मई के बीच हर साल 30 करोड़ से अधिक की आय होती है। कोरोना के कारण दो सालों से आय इन माह में नहीं हो पा रही। इस बार मार्च तक अच्छी आय हुई लेकिन अप्रैल से वापस लॉकडाउन लगने से अप्रैल-मई में ज्यादा आय नहीं हो सकी।

*मार्च में आय के 3 साल*
*वर्ष आय करोड़ रु. में*
2017 28.51
2018 31.25
2019 32 करीब करोड़
*अब 200 करोड़ पार*
उज्जैन में पंजीयन विभाग के माध्यम से होने वाली आय हर साल बढ़ती जा रही है। पहले 100 करोड़ पार हुई और अब 200 करोड़ पार हो गई है।

दो साल में सरकार के खजाने पंहुचा इतना
*वर्ष 2018-19*
* कुल आय 193.88 करोड़
* दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए 37286
*वर्ष 2019-20*
* कुल आय 200.96 करोड़
* दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए 37925

आदेश नहीं मिला
रजिस्ट्री शुरू करने के लिए अभी आदेश नहीं मिला है। आदेश के बाद ही कोई निर्णय ले सकेंगे।
मंजुलता पटेल, वरिष्ठ पंजीयक, उज्जैन