April 19, 2024

उज्जैन।अस्पतालों में इन दिनों मनमानी का दौर चल रहा है। उज्जैन के संजीवनी अस्पताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया जब रतलाम निवासी व्यक्ति का यहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया तो अस्पताल की  अव्यवस्था के चलते परिजन इतने परेशान हो गए कि उन्हें सांसद तथा मंत्री तक से गुहार लगाना पड़ी। मामला रतलाम निवासी संतोष सोलंकी का रोड एक्सीडेंट होने के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार रतलाम में दिया गया लेकिन पूरी तरह से स्वस्थ नहीं होने पर उन्हें आगे के इलाज के लिए संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया अस्पताल में भर्ती कराने के बाद यहां उनके तीन ऑपरेशन करना अस्पताल प्रबंधन ने बताया तथा खर्चा साडे तीन लाख बताया गया जिसमें से एक लाख तो उनसे तुरंत जमा करवा लिया गया और दवाओं के भी ₹21 हजार ले लिए गए। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज के  परिजनों को बताया गया कि ऑपरेशन में 10 ऑक्सीजन सिलेंडर लगेंगे। तब परिजनों का माथा ठनका और उन्होंने आपदा प्रबंधन की बैठक में जाकर सांसद अनिल फिरोजिया तथा मंत्री यादव से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई । तब सांसद तथा मंत्री के फोन किए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 10 से घटाकर 1 कर दी लेकिन इस सब के बावजूद निष्कर्ष यह निकला की मरीज के परिजनों को गुरुवार का इलाज करने का बोल कर टाल दिया गया और मरीज की हालत अभी भी जस की तस बताई जा रही है। संजीवनी अस्पताल द्वारा जब एक सिलेंडर से इलाज किया जा सकता था तो 10 ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज के परिजनों से क्यों मांगे गए , यह विचारणीय प्रश्न है साथ ही 4 दिनों से मरीज के परिजनों को ऑपरेशन किए जाने का बहाना देकर छलावे में रखना भी अपने आप में गंभीर सवाल खड़े करता है