April 23, 2024

उज्जैन।नवग्रहों में प्रमुख स्थान रखने  वाले मंगल व राहु ग्रह के कारण इन दिनों उज्जैन सहित पूरे देश में प्राण वायु का संकट बना हुआ है। क्योंकि उज्जैन मंगल ग्रह की जन्मस्थली मानी जाती है।  इसलिए यहां इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि इस संकट का कोई उपाय नहीं है।हर व्यक्ति को योग, चिकित्सा, सेवा, आत्मबल और जप-तप की संजीवनी का प्रयोग करें तो निश्चित ही इस संकट से हम सब जितेंगे। यह बात श्री मातंगी ज्योतिष परंपरागत के ज्योतिर्विद पंडित अजय श्रीकृष्ण शंकर व्यास पटनी बाजार उज्जैन ने कही। पंडित व्यास ने कहा कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र एवं  ज्योर्तिविज्ञान के अनुसार रुद्र विशांति संवत्सर संख्या 48 आनंद योग वर्तमान में ब्रह्मा, विष्णु व महेश में तीसरी शाखा शिव से संबंध रखती है जिन्हें मृत्युलोक का अधिपति माना है। और वर्तमान में सौर मंडल में ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल नहीं है। 14 अप्रैल से मिथुन राशि में मंगल के प्रवेश व वृषभ राशि अंगारक दोष समाप्त हो जाने के बाद भी रोहणी नक्षत्र में राहु का 14 अप्रैल से 18 मई के बीच होने के कारण भारत की भूमि पर इस कोराना महामारी के चलते श्मशान में अग्नि तक नहीं बुझ रही है। श्वसन तंत्र पाचन पीड़ा की परेशानी बनी हुई है। उज्जैन चूंकि मंगल ग्रह का उत्पत्ति स्थल होने से मंगल का यहां अधिक प्रभाव माना जाता है। इसलिए भी उज्जैन में इन दिनों प्राण वायु का संकट ज्यादा देखने को मिल रहा है। इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि आत्मबल व आत्मविश्वास से काम लें। देव ग्रहों की प्रसन्नता के लिए नित्य महामृत्यंज का जाप करें। इसके साथ ही योग, चिकित्सा आदि का भी सहारा लें और निर्मल मन से सेवा भी करें। मंगल व राहु को छोड़कर अन्य ग्रहों की स्थिति अच्छी होने से भी लाभ मिलेगा। चंद्रमा स्वास्थ्य का कारक है तो शनि कि द्रष्टि भी उपचार में सहायक होगी।