April 20, 2024

उज्जैन। 

रंगपंचमी पर्व पर शुक्रवार को उज्जैन में भगवान महाकाल ने टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंग से होली खेली। तड़के 4 बजे हुई भस्मारती में पुजारियों ने बाबा को रंग अर्पित किया। इसके बाद प्रतिकात्मक रूप से एक-दूसरे को रंग लगाकर होली खेलकर परंपरा का निर्वहन किया। इस बार कोरोना के चलते प्रशासन ने पूर्व से ही मंदिर में बड़े स्तर पर होली खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा था। इसका पालन करते हुए पुजारियों ने केवल परंपरा का निर्वहन करते हुए रंगपंचमी का पर्व मनाया। भस्मारती पुजारी संजय गुरु ने की। इस दौरान पुजारी दिलीप गुरु, दिनेश गुरु, रमण त्रिवेदी, माधव गुरु आदि ने भगवान महाकाल को फूलों से तैयार किया गया रंग चढ़ाया।

हर्बल गुलाल व फूल के रंग से शिवलिंग को नुकसान नहीं  

पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि होली के लिए एक दिन पूर्व ही गुरुवार को ही मंदिर प्रांगण में एक क्विंटल टेसू के फूल से विशेष रूप से यह रंग तैयार किया गया। क्योंकि प्रशासन ने बाहरी रंगों व गुलाल के उपयोग पर भी रोक लगा रखी है। इसको ध्यान में रखते हुए हर्बल गुलाल व प्राकृतिक रंग का ही उपयोग किया ताकि महाकाल के शिवलिंग व पुजारी किसी को भी लगाने से किसी को नुकसान न पहुंचे। भस्मारती में आम श्रद्धालु का प्रवेश पूर्व से ही बंद है। केवल पुजारी व पुरोहित ही शामिल हुए।