April 20, 2024

रविवार को लॉकडाउन के बीच देर शाम होलिका दहन का आयोजन किया गया। सुबह से सूनी सड़कों पर शाम को चहलकदमी दिखी। राजबाड़ा पर 250 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए होलिका दहन किया गया। महाकाल मंदिर प्रांगण उज्जैन में कंडों की होली जलाई गई। इसके बाद बाबा महाकाल दर पर रंग-गुलाल उड़ाया गया। इसके साथ ही इंदौर- उज्जैन में होली की शुरुआत हो गई।

ऐसी मान्यता है कि उज्जैन में हर त्योहार की शुरुआत बाबा महाकाल मंदिर के दर से ही होती है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए रविवार शाम को आरती पश्चात होलिका दहन किया गया।

खासगी देवी अहिल्याबाई होलकर चैरिटी ट्रस्ट मैनेजर राजेंद्र जोशी के मुताबिक परंपरानुसार राजबाड़ा के मुख्य द्वार पर करीब 250 साल से सरकारी होली का दहन हो रहा है। इस बार परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रतीकात्मक रूप से मल्हारी मार्तंड मंदिर राजबाड़ा में पूजन कर होलिका दहन किया गया। इसमें सार्वजनिक प्रवेश निषेध रहा। इतने वर्षों में यह पहला मौका है जब मंदिर प्रांगण में दहन हुआ। वैसे हर साल मुख्य द्वार पर ही होलिका दहन होता था। उधर, महाकाल मंदिर में भी संझा आरती के बाद जमकर गुलाल उड़ा। महाकाल का गुलाल से श्रंगार टीका कर कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रविवार को लाॅकडाउन रखा गया है, यह दूसरा रविवार था, जब लोगों ने घर पर ही रहकर दिन गुजारा। शनिवार रात 9 बजे से बाजार बंद होने के साथ ही लॉकडाउन शुरू हो गया था। पुलिस ने मोर्चा संभाला और रात में दुकानों को बंद करवाया। वहीं, सुबह से एक बार फिर से पुलिस एक्शन मोड पर आई और चौराहों पर तैनात हो गई। सुबह एक-दो चौराहों पर पुलिस ने जरूर सख्ती की, लेकिन ज्यादातर चौराहों पर खुद ही लोग ज्यादा नहीं गुजरे। जो निकले वे किसी ना किसी काम से जा रहे थे। पुलिस ने भी पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया। दूसरे रविवार को पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ी।

महाकाल में होली, बिन श्रद्धालु के महाकाल के साथ पुजारियों ने खेली

दुनिया भर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से होती है। यहां सबसे पहले होली का त्याेहार विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है। आज महाकाल के दरबार में होली का उत्सव मनाया गया। यहां संध्या आरती में पंडे पुजारियों ने महाकाल के साथ होली खेली। प्रति वर्ष हजारों की संख्या में आने वाले भक्त कोरोना की वजह से मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाए। दरअसल लॉकडाउन भी था जिसकी वजह से आम भक्तों के लिए महाकाल मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया गया था। होली पर्व पर पुजारियों ने भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली मनाई। आरती के बाद यहां होलिका दहन किया गया। हालांकि प्रति वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु होली के एक दिन पहले महाकाल मंदिर पंहुचते थे और जमकर रंग गुलाल उड़ाते थे लेकिन इस बार कोरोना ने भक्तों को भगवान से दूर कर दिया है।