March 28, 2024

उज्जैन

सियाचीन में शहीद हुए नागदा के लाल बादलसिंह चंदेल को अंतिम विदाई देने शनिवार को जनसैलाब उमड़ा। नागदा के साथ ही आसपास के शहरों से भी लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान हर आंख नम हो गई। नायक बादल सिंह चंदेल बुधवार सुबह अचानक बर्फ धंसने से सियाचिन में शहीद हो गए थे। वे 27 हजार फीट ऊंचे ग्लेशियर पर तैनात थे। शुक्रवार रात को उनकी पार्थिव देह इंदौर एयरपोर्ट पहुंची, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उज्जैन जिले के नागदा निवासी शहीद बादल सिंह चंदेल के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और साढ़े तीन साल का बेटा है। सियाचीन में शहीद हुए नगर के बादल सिंह चंदेल की पार्थिव देह शनिवार सुबह नागदा पहुंची। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ा। मुक्तिधाम पर राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। बादल सिंह चंदेल 18 जून 2004 में आर्मी में भर्ती हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग रानीखेत में थी। बादल सिंह ने ढाई साल तक शांति सेना में शामिल होकर दक्षिण अफ्रीका में भी सेवा दी थी। 17 साल तक अलग-अलग जगह पदस्थ रहे। बादल सिंह जनवरी में ही नागदा आए थे। 13 फरवरी को ही वापस ड्यूटी पर गए थे। इसके बाद उन्हें सियाचिन में 27 हजार फीट ऊंचे ग्लेशियर पर तैनात किया गया था। बादल सिंह का विवाह 2017 में ही हुआ था। उनका बेटा भी है। वह अपने पीछे माता-पिता और पत्नी समेत बेटा विवान छोड़ गए हैं। 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन सेना द्वारा उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट किया गया था। इसके बाद उनकी ड्यूटी सियाचिन में लगाई गई थी।